Holi Bhai Dooj 2022: भाई की लंबी उम्र की कामना के लिए

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Holi Bhai Dooj 2022: 

भाई की लंबी उम्र की कामना के लिए

भाई की लंबी उम्र की कामना के लिए भाई दूज पर करें तिलक, जानें महत्व इस बार होली के बाद भैया दूज का पर्व दो दिन तक मनाया जाएगा। शनिवार से हस्त नक्षत्र में इसकी शुरुआत होने के साथ रविवार को भी बहनें तिलक करके भाई की सुख समृद्ध की कामना करेंगी। कानपुर शहर में आज से पर्व की शुरुआत हो चुकी है, तो कुछ लोग शनिवार काे अंझा मानते हुए रविवार को पर्व मनाएंगे। 



हालांकि ज्योतिषाचार्य ने 19 मार्च भैया दूज का पर्व हस्त नक्षत्र में मनाए जाने का समय बताया है।पद्मेश इंस्टीट्यूट आफ वैदिक साइंसेज के अध्यक्ष ज्योतिषाचार्य केए दुबे पद्मेश ने बताया कि 19 को 11:38 बजे से भैया दूज का पर्व शुरू हो रहा है। जो 20 मार्च सुबह 10:07 बजे तक रहेगा। इस कालखंड में बहनों द्वारा भाईयों को समृद्धि का टीका लगाकर उनके खुशहाल जीवन की कामना की जाएगी। हालांकि शहर के बड़े भाग में यह आयोजन रविवार को मनाया जाएगा। उनके मुताबिक उन्होंने बताया कि होलिका दहन होते ही होलाष्टक की समाप्ति हो जाएगी। दो दिन मनाया जाएगा भैया दूज पर्व, खास हस्त नक्षत्र में आज से हुई है शुरुआत

धूनी ध्यान केंद्र के आचार्य अमरेश मिश्रा ने बताया कि शनिवार को भैया दूज पर्व पड़ने के कारण बहनों को हनुमंत लाल की पूजा कर भाईयों को टीका करना शुभकारी रहेगा। हनुमंत लाल का पूजन करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। बहनें सर्वप्रथम भाईयाें को टीका लगाने से पहले विह्नहर्ता गणपति महाराज और संकटमोचन हनुमंत लाल का स्मरण पूजन करें। 

इससे उनके जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होगी। भगवान का पूजन स्मरण करने के बाद घर में भाईयाें की आरती कर उनको टीका किया जा रहा है।परमट स्थित लक्ष्मी ने बाबा आनंदेश्वर मंदिर में विधिवत पूजन अर्चन के बाद भाई जितेंद्र संग भाई दूज मनाया। इसके साथ ही काकादेव निवासी कोमल ने भी भाई दूज का पर्व मनाया। जराैली में आकांक्षा ने मलिन बस्तियों में रहने वाले बच्चों के बीच पहुंचकर उन्हें उपहार दिए और भाई दूज का पर्व खुशी-खुशी मनाया। उनकी इस पहल को क्षेत्रीय लोगों ने खूब सराहा। सिविल लाइंस स्थित बाबा आनंदेश्वर मंदिर में भी भाई दूज का पर्व कई समाजसेवी महिला संगठनों द्वारा धूमधाम से मनाने की तैयारी चल रही है।

चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज (Bhai Dooj) का पर्व मनाया जाता है. भाई दूज साल में दो बार आता है, एक होली के बाद और दूसरा दीपावली के बाद. होली के दो दिन बाद मनाए जाने वाले इस भाई दूज को होली भाई दूज (Holi Bhai Dooj) के नाम से जाना जाता है. होली भाई दूज पर भी बहनें  भाई को तमाम संकटों से बचाने और उसकी दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं और उसका तिलक करने के बाद व्रत खोलती है. ये दिन भाई और बहन के बीच प्यार बढ़ाने वाला और उनके रिश्ते को मजबूती देने वाला दिन है. इस बार होली भाई दूज का पर्व (Bhai Dooj Festival) 20 मार्च को रविवार के दिन मनाया जाएगा.

🔼 शुभ मुहूर्त 🔼

👉 चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि 19 मार्च शनिवार को दोपहर 11:37 बजे से शुरू होगी और 20 मार्च रविवार को सुबह 10:06 बजे समाप्त होगी

👉 उदया तिथि के हिसाब से ये त्योहार 20 मार्च रविवार को मनाया जाएगा.

🔼 होली भाई दूज का महत्व 🔼

👉 भाई दूज का पर्व भाई के जीवन की सलामती के लिए मनाया जाता है

👉 ये दिन भाई और बहन के बीच संबन्ध को और मजबूत बनाता है. इस दिन बहनें अपने भाई के जीवन को संकटों से बचाने के लिए व्रत रखकर गणपति और नारायण की पूजा करती हैं और उनसे भाई की लंबी आयु की कामना करती हैं

👉 इसके बाद भाई का तिलक करने के बाद वो व्रत खोलती हैं

👉 तिलक के बदले भाई भी अपनी बहन को शगुन के तौर पर कोई उपहार देता है

👉 साथ ही बहन का हर परिस्थिति में साथ निभाने और उसकी रक्षा करने का वचन देता है.

🔼 ऐसे करें तिलक 🔼

👉 होली भाईदूज के दिन सुबह जल्दी स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनें और श्रीगणेश श्रीविष्णु भगवान का विधिवत पूजन करें.  

👉 भाई दूज की कथा पढ़ें और उनसे अपने भाई की दीर्घायु की प्रार्थना करें. इसके बाद भाई को तिलक करने के लिए आरती का थाल सजाएं. थाल में रोली, अक्षत, दीपक, मिठाई, सुपारी या सूखा गोला आदि रखें. इसके बाद चौक लगाकर उस पर पाटा रखकर भाई को बैठाएं.  

👉 उसको तिलक लगाएं, अक्षत लगाएं, आरती उतारें और मिठाई खिलां. इसके बाद भाई को सुपारी या गोला दें. इसके बाद भाई अपनी बहन के पैर छूकर आशीर्वाद लें और बहन को सामर्थ्य के अनुसार कोई उपहार देकर उसका मुंह मीठा कराएं

👉  इस दिन भाई को भोजन कराने के बाद ही घर से विदा करें.

 

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