नागरिकता अधिनियम 1995 नियम या संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार प्राप्त नागरिक होने के तीन कारण बताए गए त्यागना बर्खास्तगी या वंचित करना होगा।
1 स्वैच्छिक त्याग
एक बार से नगरी जो फोन आए और क्षमता का हो ऐसी घोषणा के उपरांत वह भारत का नागरिक नहीं रहता अपनी नागरिकता को त्याग सकता है यदि इस तरह की घोषणा तब हो जब भारत युद्ध में व्यस्त हो केंद्र सरकार इस के पंजीकरण को एक तरफ रख सकती है।जब व्यक्ति कोई अपनी नागरिकता का परित्याग करता है तो उस व्यक्ति का प्रत्येक नाबालिग बचा भारतीय नागरिक नहीं रहता यद्यपि इस तरह के बच्चे की उम्र 18 वर्ष भारतीय होने पर वह भारतीय नागरिक बन सकता है।
2 बर्खास्तगी के द्वारा
यदि कोई भारतीय नागरिक सुरक्षा से किसी अन्य देश की नागरिकता ग्रहण कर ले तो उसकी भारतीय नागरिकता स्वयं बर्खास्त हो जाएगी हालांकि यह व्यवस्था कब लागू नहीं होगा जब भारत युद्ध में व्यस्त हो।
3 वंचित करने द्वारा
केंद्र सरकार द्वारा भारतीय नागरिक को आवश्यक रूप से बर्खास्त करना होगा यदि नागरिकता फर्जी तरीके से प्राप्त की गई हो
- यदि नागरिक ने संविधान के प्रति अनादर जताया हो।
- यदि नागरिक ने युद्ध के दौरान सत्र के साथ गैर कानूनी तरह सबन स्थापित किया हो या उसे कोई राष्ट्र विरोधी सूचना दी हो।
- पंजीकरण या प्राकृतिक नागरिकता के 5 बरस के दौरान नागरिक को किसी देश में 2 वर्ष की कैद हुई हो।
- नागरिक के सामान्य रूप से भारत से बाहर 7 वर्ष से रह रहा हूं।