Mann ki baat

मेरे प्यारे देशवासियों आमतौर पर मन की बात पर कई विषयों की चर्चा करता हूं पर इस बार कोरोना वैश्विक महामारी के बारे में चर्चा करूंगा। भयंकर संकट ऐसे में मैं और कुछ बातें करूं उचित नहीं होगा लेकिन सबसे पहले मैं सभी देशवासियों से क्षमा मांगता हूं और मेरी आत्मा कहती है मुझे जरूर क्षमा करेंगे क्योंकि कुछ ऐसे निर्णय लेने पड़े हैं जिसकी वजह से आपको कई तरह की कठिनाइयां उठानी पड़ रही है खास करके गरीब भाई-बहनों को देखता तो जरूर लगता है कि उनको लगता होगा ऐसा प्रधानमंत्री है मुसीबत में डालता है। हो सकता हैकैसे-कैसे सब को घर में बंद कर रहे हो आपके दिक्कत है समझता आपकी परेशानी भी समजता हूं ।
लड़ाई के लिए एक कदम उठाए बिना कोई रास्ता नहीं था करना के खिलाफ लड़ाई जीवन और मृत्यु के बीच की लड़ाई में हमें ही कुछ करना होगा हमें जागृत होना होगा। लेकिन दुनिया जहारा देखने के बाद लगता है कि यही एक रास्ता बचा है आपको आपके परिवार को सुरक्षित रखना है आपको जो भी असुविधा हुई है हुई है इसके लिए क्षमा मांगता साथियों हमारे यहां कहा गया है एवं एवं साधक सुखम यानी मारी और उसके प्रकोप से शुरुआत में ही निपटना चाहिए बाद में रोग असाध्य हो जाते हैं कभी इलाज भी मुश्किल हो जाता है और आज पूरा हिंदुस्तान हर हिंदुस्तानी कर रहा है भाइयों बहनों माताओं बुजुर्गों कोरोनावायरस दुनिया को कैद कर दिया ज्ञान विज्ञान गरीब संपन्न कमजोर ताकतवर किसी को चुनौती दे रहा है कोई क्षेत्र देखता है कोई वायरस इंसान को मारने पर बैठा है इसलिए सभी लोगों को इस वायरस खत्म करने के लिए एकजुट होकर संकल्प लेना ही होगा ।
लॉक डाउन का पालन कर रहे हैं ऐसा करके टुमारो जैसे दूसरों की मदद कर रहा है अरे भाई यह सही नहीं है यह लॉक डाउन आपके खुद के बचने के लिए है आपको अपने को बचाना है अपने परिवार को बचाना है अभी आपको आने वाले कई दिनों तक इसी तरह दिखाना ही है लक्ष्मण रेखा का पालन करना ही है साथियों मैं भी जानता हूं कि कोई कानून नहीं तोड़ना चाहता नियम नहीं तोड़ना चाहता लेकिन कुछ लोग ऐसा कर रहे हैं क्योंकि अभी दो स्थिति की गंभीरता को नहीं समझ रहे हैं ऐसे लोगों को यही कहूंगा कि लोक डाउन का नियम तोड़ेंगे वायरस से बचना मुश्किल हो जाएगा दुनियाभर में बहुत से लोगों को आज सब पश्चात कर रहे हैं।
हां कहा गया है आरोग्यं परम भाग्यं स्वास्थ्य सर्वार्थ साधनम् यानी आरोग्य ही सबसे बड़ा भाग्य है दुनिया में सभी सुख का साधन स्वास्थ्य ही है ऐसे में नियम तोड़ने वाले अपने जीवन के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ कर रहे हैं जांच को इस लड़ाई के अनेकों योद्धा ऐसे हैं जो घरों में नहीं घरों के बाहर रहकर कोरोनावायरस का मुकाबला कर रहे हैं जो हमारे फ्रांस और खास करके हमारी नर्सेज पहने हैं नर्सेज का काम करने वाले भाई है डॉक्टर हैं वरना मेडिकल स्टाफ है ऐसे साक्षी आज उनसे प्रेरणा ली है।
बीते दिनों में मैंने इसे कुछ लोगों से फोन पर बात की है उनका उत्साह भी बढ़ाया है और उनसे बातें करके मेरा भी उत्साह बढ़ा है मैं उनसे बहुत कुछ सीखा है मेरा बहुत मन था इसलिए इस बार मन की बात में साथियो के अनुभव उनसे हुई बातचीत में कुछ बातें आपसे साझा करूं
सबसे पहले हमारे साथ जुड़ेंगे श्रीराम गमपा तेजाजी से मुलाकात
उनके अनुभव सुनते हैं आराम नमस्ते नमस्ते नमस्ते सुना कि आप कोरोनावायरस के गंभीर संकट से बाहर निकले हैं जरूर मैं आपसे कुछ बात करना चाहता था यह सारे संकट से निकले हैं तो अपना अनुभव में सुनना चाहता था। मैं 80 सत्रह का इंजीनियर हूं काम के वजह से मैं दुबई गया था। वहां जाने अनजाने में मुझे यह कोरोनावायरस हो गया था।
आप को जब पता चला यह कोरोना का संक्रमण आपको हो गया है तब क्या हुआ था
पहले पहले तो बहुत डर गया था क्योंकि यह भी पता नहीं था कि इंडिया में यह हो सकता है और हां इंडिया में दो-तीन लोगों को ही हुआ था। हॉस्पिटल में मुझे दो-तीन दिन के लिए क्वॉरेंटाइन में रखा था तब वह दिन तो तुरंत ही निकल गए थे । फागण डॉक्टर्स नर्सेज टॉप बहुत अच्छे थे मुझे कॉल करके बता रहे थे क्या आपको कुछ नहीं होगा। हॉस्पिटल में एडमिट हूं पहले तो बहुत ज्यादा टेंशन हो थे। मेरी फैमिली का भी टेस्टिंग हुआ था पर सबका नेगेटिव आया था तो हां वह बहुत अच्छा था।उसके बाद तो हर दिन इंप्रोमेंट डार्लिंग राइटिंगटन तलाश कर रहे थे ।
आप ने क्या क्या सावधानी रखी
परिवार के लिए तो पहले उसके बारे में तो पता चला तब तो मैं क्वॉरेंटाइन जीता था लेकिन को के बाद डॉक्टर ने बताया कि और 14 दिन घर पर रहना और अपने रूम में रहना तो मैं मेरे रूम में रहता था मैं मास्क पहन रहा था और हमारे परिवार में किस के संपर्क में नहीं आता था। शुभकामनाएं अब आपका वह ऑडियो बनाकर वायरल कीजिए इससे क्या होगा कि लोग डर भी नहीं जाएंगे और सेम परिस्थिति में क्या करना है उसका पता चलेगा।
जैसा कि राम ने बताया कि उन्होंने हर उस निर्देश का पालन किया जो इनको कोरोनावायरस होने के बाद डॉक्टरों ने दिए इसी का परिणाम है कि आज वह स्वस्थ होकर सामान्य जीवन जी रहे हैं
पूरे परिवार को बहुत-बहुत शुभकामनाएं है।
अब हमारे साथ आग्रा से जुड़ेंगे अशोक कपूर से मुलाकात
हमारे साथ ऐसे ही एक और साथी जुड़े हैं जिन्होंने को पराजित किया है और उनका तो पूरा परिवार इस संकट में फंस गया था नौजवान बेटा भी फस गया था आगरा अशोक कपूर के साथ हम बात करते हैं।मैंने फोन इसलिए किया क्योंकि आपका पूरा परिवार इस संकट में फंसा था मैं जरूर जानना चाहूंगा क्या कोई समस्या संक्रमण का पता कैसे चला क्या हुआ अस्पताल में क्या हुआ था कि मैं आपकी बात सुनकर के अगर कोई चीजें देश को बताने जैसी होगी तो मैं उसका उपयोग करूंगा।
मेरे दो बेटे हैं वह इटली गए थे वही उसका काम चल रहा था मैन्युफैक्चरिंग का और उसके साथ मेरा दामाद बैग आए थे इटली। वह दोनों बेटे और मेरे जमाई तीनों हॉस्पिटल आगरा के हॉस्पिटल में गए थे टेस्ट करवाने के लिए वही टेस्ट मेरा टेस्ट स्टार्ट हुआ उसके बाद मेरे परिवार को भी बुला लिया। वही हॉस्पिटल वालों ने हमारी फैमिली में से 6 लोगों का पॉजिटिव बताया तब आगरा से हमें दिल्ली भेजा उन्होंने एंबुलेंस से और कोई चार्ज नहीं लिया बड़ी महेरबनी है उन लोगो की। हम छ लोगो को अलग अलग रूम दिया और हम 14 दिन डॉक्टरों का बर्तन से हमें बहोत अच्छा लगा और हमारी बड़ी अच्छी ट्रीटमेंट की ओर हमें कोई प्राब्लम नही आई । पेपर का फल आईटीआई के पेपर देना।
पूरे परिवार को बहुत-बहुत शुभकामनाएं है।